लंडलेने का दिलहो जाय तबबेशरम बन केलड़की क्या नहींकरती ? एग्ज़ाइट्मेंट की वजहसे ऐशह कीपीकी सूज गयीथी. छ्होटे होतजो वैशहे अंदरच्छूपे रहते हैवे बाहर निकलआए थे. तातारबनी हुई क्लाइटॉरिसका छ्होटा सासर भी दिखाईदे रहा था. सारी भोस गीलीगीली थी. एकहाथ में लंडपकड़ कर मेंने बड़े होतपर रगड़ा. आयेजसे पिच्चे औरपिच्चे से आयेजऐशहे पाँच सातबार रग़ाद नेके बाद लंडका सर भोसकी दरार मेंरगड़ा और क्लाइटॉरिसके साथ टकराया. ऐशह के हिप्सडोलने लगे. वोअब मेरे जैशहीही छोड़ने कोतत्पर हो गयीथी. में नेकान में पुचछा, “ क्या ख़याल है, प्यारी? लंड लेओगी ?” बिनाबोले उस नेमुस्कुराते हुए ज़ोरज़ोर से सरहिला के हाकही. मेने लंडकी टोपी चड़ाके मस्तक कोधक दिया. ऐशहाकर ने कीवजह ये थीकी टोपी सेढाका हुआ लंडका मट्ठा ‘स्लाइड’ हो के छूटमें पेसटा है, खुला मट्ठा घिसके अंदर घुआसताहै.
नयी नावलीछूट के वास्तेलंड ‘स्लाइड ‘ होके घुसे येअच्च्छा है. मेंने एक हाथसे भोस चौड़ीकर के दूसरेहाथ से लंडका मट्ठा छूटले मुँह मेंरख दिया. लंडका मट्ठा मोटाथा और छूटका मुँह छ्होटा, इसी लिए मूज़ेज़रा ज़ोर करनापड़ा. पूरा मट्ठाछूट में गयाकी योनि पटलपर जेया केरुक गया. मेंने लंड तोड़ावापस खींचा औरफिर से डाला. ऐशहे फकत एकइंच की लंबाईसे में नेआठ दस धक्केलगाए. छूट मेंसे और लंडमें से भरपूर पानी ज़रनेलगा था औरछूट का मुँहअब आसानी सेलंड का मट्ठाले सकता था.
नयी नावलीछूट के वास्तेलंड ‘स्लाइड ‘ होके घुसे येअच्च्छा है. मेंने एक हाथसे भोस चौड़ीकर के दूसरेहाथ से लंडका मट्ठा छूटले मुँह मेंरख दिया. लंडका मट्ठा मोटाथा और छूटका मुँह छ्होटा, इसी लिए मूज़ेज़रा ज़ोर करनापड़ा. पूरा मट्ठाछूट में गयाकी योनि पटलपर जेया केरुक गया. मेंने लंड तोड़ावापस खींचा औरफिर से डाला. ऐशहे फकत एकइंच की लंबाईसे में नेआठ दस धक्केलगाए. छूट मेंसे और लंडमें से भरपूर पानी ज़रनेलगा था औरछूट का मुँहअब आसानी सेलंड का मट्ठाले सकता था.
“प्यारी ऐशह, ज़रासब्र करना” कह केमें लंड कोछूट में फसाहुवा छ्चोड़ करउस के उपरज़ुक गया औरफ्रेंच किस करनेलगा. होठों सेहोठों को चिपकाके मानो मेंने ऐशह कामुँह बॉटल कीतरह सील करदिया. एक धक्काज़ोर से लगायाऔर में नेयोनि पटल तोड़के दो इंचलंड छूट मेंडाल दिया. ऐशहके मुँह सेचीख निकल पड़ीजो में नेमेरे मुँह मेंले ली. चुस्तछूट में लंडपेठा की टोपीखिसक गयी औरखुला हुआ मट्ठायोनि की दीवालोंको रग़ाद नेलगा. में स्थिरहो गया औरचुंबन छ्चोड़ करबोला, “शाबाश नीलू, शाबाश. वेलकम तो वुमनहुड. तोड़ा सब्र कर, अभी दर्द कमहो जाएगा औरमज़ा आनी शुरूहोगी. अभी तोड़ाही लंड अंदरगया है लेकिनबाकी को जानेमें तकलीफ़ नहींहोगी”ऐशह मुँहसे बोली नहीं, योनि के संकोचनसे जवाब दिया. में समाज गयाकी अब दर्दकम हो गयाहै. फिर भीमें नेकहा, “ मूज़ेबता देना जोदर्द होवे तो. में जल्दबाज़ी नहींकरूँगा” फिर सेएक बार योनिको संकोच केउस ने जवाबदिया. बड़ी कठिनाईसे में लंडको तुरंत हीछूट में घुसाड़नेसे रोक पाया. हाथों के बालमें उँचा उठाऔर दोनो केपेट के बीचसे लंड भोसके मिलाप कोदेखने लगा. मेंने कहा, “ऐशह, देख तो सही, मेरा लंड तेरीछूट में कैषहेफिट बैठा है” अपना सर उठाके उस नेदेखा तो घभरागयी और बोली, “बाप रे, अभीइतना लंबा…लंबा अओरमोटा बाकी है?”
उसकी बात सचथी. अभी तोमात्र दो इंचही अंदर घुसाथा, च्छे इंचसरीखा बहार थाऔर घुसने कोतैयार था. नीचेज़ुक कर मेंने ऐशह कोकिस किया औरबोला, “डरना मतप्यारी, एक बारयोनि पटल टूटजाय बाद मेंकोई तकलीफ़ नहींहोती. भगवान नेलड़कियों की छूटही ऐशही बनाईहै की उसमें सारा लंडसमा जाए. तूदेखते रहेना.” वोदेखती रही औरमें ने आहिस्ताआहिस्ता लंड कोछूट में पेलनाशुरू किया. एकइंच, दो इंच, टीन, चार औरपाँच इंच लंडको डाल केमें रुका. क्यूँकी उस कीछूट इतनी सिकुड़ीहुई थी औरमेरे लंड परइतना दबाव डालरही थी कीमूज़े जल्दी सेज़र जाने कादर लगता था. ऐशह की योनिइतनी टाइट होगीऐशहा मेने कभीसोचा भी नाथा. रुकने केबाद लंड नेठुमका लगाया. उसवक्त तोड़ा ज़्यादामोटा हो जानेसे छूट कामुँह ज़्यादा चौड़ाहुआ और ऐशहको दर्द हुआ. में ने पुचछा, “दर्द होता है? निकाल दूं लंडको?” “नहीं, नहीं. कोईदर्द नहीं है. आप…आप…” शर्म सेवो आयेज बोलनहीं पाई. उसने मुँह मोड़लिया और दाँतसे होत काटनेलगी. ‘…आप छोड़नाजारी रकखें, यहीना ?” में नेपुचछा. आँखें धक करसर हिला केउस ने हाकही.
मेंने फिर सेलंड पेलना शुरूकिया. च्छे इंच, सात इंच औरआठ. पूरा लंडअंदर. लंड कीटोपी खिसक गयीऔर नंगा मट्ठाऐशह के गर्भाषीके साथ टकराया. उस की योनिज़ोर से फटाकेमारने लगी औरउस के हिप्सज़ोर से हिलनेलगे. में उसेरोक लूँ इससे पहेले मेरासंयम टूट गया. तुमल, तुमक करके मेरे लंडने जवाब दियाऔर वीर्य कीपिचकारी मारते हुए ज़रपड़ा. ऐशह अभीज़ारी नहीं थी. इतना जलदी ज़रजाने से मेंज़रा निराश होगया. वीर्य च्छुतजाने के बादभी में नेलंड को बहारनिकाला नहीं. ताजूबि कीबात ये थीकी वो नर्मनहीं पड़ा, कड़कसा ही रहा. में ने ऐशहेही हिप्स हिलाके मन्स सेमन्स घिसी औरक्लाइटॉरिस को रगड़ा. इस से ऐशहको पता चलाकी सारा केसारा लंड अभीअंदर घुस चुकाहै. फिर सेउस ने पेटके बीच सेनीचे देखा औरआनंद से हासपड़ी. मूज़े बहुतप्यारी लगी. “देखा ?” मेंने पुचछा. औरउस पर चुंबनोकी बरसात बरसादी. ऐशह कोपता नहीं चलाकी में ज़रचुका हूँ मेरा लंडफिर से पूराटन गया. “अभीसही चुदाई शुरूहोती है” कह करमें ने लंडको बहार खींचा. जब अकेला मट्ठायोनि में रहातब में रुकाऔर फिर सेअंदर डाला. ऐशहेधीरी स्पीड सेपूरा लंड कोइस्तेमाल करते हुएमें ने ऐशहको कैबन पाँचमिनिट तक छोड़ा.
पाँचमिनिट के बादमें ने धक्केकी स्टाइल बदली. अब जलदी सेज़र पड़ने कामूज़े दर नहींथा इसी लिएआराम से छोड़सकता था. नयीस्टाइल में इसतरह छोड़ने लगा: दो इंच अंदर, एक इंच बहार; फिर दो इंचअंदर, एक इंचबहार—ऐशहे हरएक धक्के मेंएक एक इंचलंड अंदर घुसताचले. बहार निकालतेवक्त भी ऐशहाही: दो इंचबहार, एक इंचअंदर; दो इंचबहार, एक इंचअंदर. आठ धक्केअंदर घुसादने केवास्ते और आठबहार निकालने केवास्ते. बीस मिनिटतक यूँ आहिस्ताआहिस्ता में नेऐशह को छोड़ा. अब तक कीचुदाई से ऐशहकाफ़ी एग्ज़ाइट होगयी थी. घड़ीघड़ी उस केबदन पर रोंए खड़े होजाते थे. घड़ीघड़ी आँखें ज़ोरसे बंद होजाती थी. चाहेरालाल हो गयाथा. स्तन परअरेवला के साथनिपल्स कड़ी होकर उभर आईथी. योनि मेंसे काम रसबह रहा थाऔर योनि फटफट फटाके माररही थी. मेंसमाज गया कीवो अब ज़रनेको तैयार है. एक बार फिरमें ने लंडको उसकी योनिकी गहराई मेंउतार दिया औरमेरी मन्स सेक्लाइटॉरिस को ज़ोरसे रग़ाद दिया. योनि ने लॅपलॅप करके लंडको चूसा औरऐशह का बाँधच्छुत गया. उसका बदन अकड़गया, मुँह से“आ…ओह,ओह,ओह…सीईईई…सीईइ…आ” आवाज़ निकल पड़ीऔर वो मूज़ेज़ोर से चिपकगयी. उस काऑर्गॅज़म पूरी तीससेकेंड चला. दरमियाँछूट में लंडको दबाए हुएमें स्थिर रहा.
ऑर्गॅज़मके बाद ऐशहकी योनि शांतहुई तब मेंने फिर सेछोड़ना शुरू किया. अब योनि थोड़ीसी नर्म हुईथी, जिस सेवो अब आसानीसे लंड लेसकती थी. लंबे, उन्ड़े और तेजधक्के से मेंने उस कोछोड़ा. उस कीछूट अब वारमवार संकोचन करनेलगी और लंडको चूसने लगीमानो की लंडको पकड़ रखनेका प्रयास करतीहो. में नेउस के घुटनोनीचे हाथ दलकर कंधे तकउठाए जिस सेउस की भोसज़्यादा उपर उठआई और पूरालंड अंदर घुसनेलगा. तेज़ी सेचलते मेरे धक्केका जवाब वोअपने हिप्स हिलाके देने लगी. मूज़े ऐशहा महसूसहुआ की मेरेसारे लंड मेंसे काम रसज़र रहा है. जब मूज़े लगाकी मेरा लंडफट जायगा तबमें अपने आपको रोक नहींपाया. “अया……आ….सी….सी… ….ओह…ओह…ऐशह, पकड़मूज़े..अयाया” कहते हुएमें ज़रा. वीर्यकी पाँच सातपिचकारी से लंडने योनि च्चालकादी. ऑर्गॅज़म केअंतिम ज़टके केसाथ में शिथिलहो कर उसके उपर ढालपड़ा.
ऐशहने अपने पावलंबे किए औरमेरी पीठ सहलानेलगी. चूमबन करके में नेकहा, “ऐशह, तुज़ेछोड़ने में इतनीमज़ा आएगी ऐशहामें ने सोचाभी ना था. लेकिन तुज़े दर्दतो नहीं हूना ? आवेश मेंआ कर मेंभूल ही गयाथा की तूपहेली बार छुड़वारही है.” मेरेगले में हाथडाल कर वोबोली, “प्यारे, दर्द हुवाहो तो इसका मूज़े ख़यालनहीं है. औरदर्द मीठा भीहै, आप कादिया जो है.” में खुश होकरकिस पर किसकरने लगा. मेरालंड नर्म होने लगा थालेकिन छूट सेनिकाला नहीं था. थोड़ी देर बादऐशह ने पावउठाके मेरी कमरसे लिपटाए औरयोनि में संकोचनकिया. ठुमका लेके लंड नेजवाब दिया. जैशहेकी लंड छूटकी बात चिटचल पड़ी हो. तोड़ा सा नर्महुवा लंड फिरसे टाइट होनेलगा. में नेपुचछा, “ऐशह, येक्या ? ये क्याकर रही हो? सच मच तुज़ेदर्द नहीं होताहै ? तुज़े परेशानकरके में मज़ालेना नहीं चाहता.” “सच्ची, अब कोई दर्दनहीं है. वोशुरू कीजिए ना” कहते हुए उसने शरमा केमुँह मोड़ लिया.. में ने उसकाचाहेरा घुमा केफ्रेंच किस कीऔर धक्के लगानेशुरू किए. इसबार हम दोनोने आराम सेचुदाई की जोआधा घंटा चली. ऐशह दो बारज़दी और मेंएक बार. मेरेवीर्य से ऐशहकी छूट च्चालकगयी थी. नर्मलॉड को निकालके में बातरूममें गया औरसफाई की. गीलाटवल से मेंने ऐशह कीभोस पोंच्छ करसॉफ किया. एकदूजे को लिपटकर हम सोगये
सुबहपाँच बजे ऐशहमेरे पहेलू सेनिकल कर बातरूममें गयी. उसने सोचा होगाके में सोयाहुआ हूँ लेकिनमें जगा हुआथा और आँखेंमूंद कर पड़ाथा. मेरा नर्मलॉडा पेट परपड़ा था. मेंऔर ऐशह दोनोअभी नग्न थे. बात रूम सेनिकल कर ऐशहपलंग के पासआ के खड़ीरही, लेती नहीं. वो मेरा बदनदेखने लगी ख़ासतौर पर लॉडको. आवरनाणीय आनंददेनेवाला ये अंगको उस नेकभी देखा नहींथा. पालग परबैठ के उसने लॉड कोहाथ में लियाऔर इधर उधरघुमा के देखनेलगी. मेरे वृषणको भी हथेलीमें उठा देखे. शायद उसे पतानहीं था कीलॉड की टोपीखिसका के मट्ठाखुला किया जासकता है. उसकी कोमल उंगलिओके स्पर्श सेलॉडा उभर नेलगा और देखतेदेखते में टनकर लंड बनगया. ऐशहे उठताहुआ लंड देखनाउस के लिएपहला प्रसंग था. देखने में वोइतनी मशगूल थीकी में नेआँखें खोली औरलंड का ठुमकालगाया फिर भीउसे पता नाचला की मेंजाग गया हूँ. “पसंदआया ?” में नेधीरे से पुचछा. वो चोंक उठी. लंड को छ्चोड़के शरम कीमारी मूज़ सेमुँह फिरा केबैठ गयी. मेंभी बैठ गया, उस को आलिंगनमें लिया औरकिस कर केबोला, “तेरा हीहै ये लंड. इस के साथतू चाहे सोकर सकती हो. लेकिन इतना बताकी तूमे पसंदआया की नहीं.” उस ने मेरेसिने में अपनाचाहेरा च्छूपा दया औरसर हिला केहा कही. मेरीछ्होटी छ्होटी घुंडीओ केसाथ उसकी उगलियाँखेलने लगी. किसकरते हुए मेंए स्तन टटोलेऔर दबाए.
चाहेराचचपा रख केवो धीरे सेबोली, “फिर कबकिया जा सकताहै वो ?” “वो मैनेक्या ?” “आप जानेतो है….” “जानता तो हूँ, लेकिन तेरे मुँहसे सुनना चाहताहूँ.” “मूज़े शर्म आतीहै बोलने में” “अब शर्म कैशही? अब तो मेंने तेरे स्तन, तेरी भोस, तेरेचूतड़ सब देखलिया है औरतू ने भीमेरा लंड देखलिया है. यादकर, एक बारतू बोली भीथी.” तोड़ा हिचकिचाहटके बाद वोबोली, “वो मैने…छो…छो दा..ना” “अब बोल, प्यारे, आप केलंबे लंड सेमूज़े छूट भरके छोड़िए”“ना बाबा.” “ना बाबा ? अच्च्छा तोरहेने दे. चलोसो जाएँ” में नेखाली कहा. मूज़से लिपट करकान में मुँहडाल कर वोबोली, “प्यारे, आप केलंबे…लंबे…लूँ…लंड…” आयेज बोलनेके बजाय वोखिलखिलत हास पड़ी. “हाँ, हाँ बोल..लंडसे…” “..लंड सेमूज़े छू….छूट भरके छोड़िए” शर्म सेउस ने अपनाचाहेरा च्छूपा दिया. मेंएन हाथ हटाएऔर चाहेरा उठायातो वो आँखेंबंद कर मुस्करानेलगी. फ्रेंच किसकर के मेंने कहा, “देखा? बोलना इतना कठिननहीं है. फिरसे सूनाओ तोएक बार.” “प्यारे, आपके लंबे लंडसे मूज़े छूटभर के छोड़िए” ऐशह के मुँहसे छोड़ना सुनकर मेरा लंडओर टन गयाऔर छोड़ने कोअधीर बन गया. मूज़े निमंत्रण कीज़रूरत नहीं थी. मुँह पर स्तनपर और पेटपर चुंबन करतेहुए में नेक्लाइटॉरिस को जीभसे टटोला औरएक उँगई छूटमें डाली. क्लाइटॉरिसतो कड़ी होगयी थी औरछूट गीली गीलीथी लेकिन योनिपटल का घावअभी नया नयाथा. क्लाइटॉरिस कोचुसते हुए उंगलीसे ही मेंने ऐशह कोथोड़ी देर छोड़ा.
“ऐशहा करतेंहैं, “ में नेकहा, “में पीठके बाल लेटजाता हूँ तूमेरे उपर आजाऔर लंड कोछूट में पेल” ”मूज़े आएगा ?” “क्यूँ नहीं ? मेंबताओन वैशहे करना” में ने पावलंबे कर केऐशह को जाँघपर बिताया, उसकी जांघें चौड़ीकर के. लंडको खड़ा पकड़के में नेकहा “अब तूछूट को लंडपर ला केआहिस्ता आहिस्ता लंड कोअंदर ले” ऐशह कोज़्यादा शिक्षा की ज़रूरतना थी. धीरेसे हिप्स उतारके उस नेसारा लंड छूटमें ले लिया. तोड़ा रुकने केबाद वो एकएक्सपर्ट की तरहहिप्स को हिलाकर मूज़े छोड़नेलगी. नीचे सेधक्के देते हुएमें ने सहकारदिया. वो अपनेहिप्स को ऐशहेघुमाती थी कीउस की क्लाइटॉरिसलंड के साथज़्यादा घिसने पाए. कभीकभी मन्स सेमन्स सता केपूरा लंड छूटमें घुसा केवो बैठ जातीथी. उस वक्तलंड का मोटामूल योनि केमुँह को ज़्यादाचौड़ा किए देताथा और ऐशहको तोड़ा सादर्द भी होताथा लेकिन वोपरवाह नहीं करतीथी. पाँच मिनिटमें वो तकके मेरे उपरढाल गयी. लेकिनउस की योनिताकि नहीं थी. लॅप लॅप करकेउस ने लंडको चूसा तोलंड और टनगया. मेने ऐशहको बाहों मेंले कर करवटबदली और मेंउपर आ गया. उस की जांघेंचौड़ी कर केमेरी कमर आसपास लगाई. फिरसे योनि नेलंड को चूसा. में ने ज़ोरज़ोर से धक्केलगाने शुरू करदिए. ठप्प, ठप्पआवाज़ ए मेरीमन्स उस कीभोस को पीटनेलगी.
ऐशहको ज़्यादा मज़ाआए इस लिएमें ने टेचननिकबदली. धक्के मारतेमारते जब मेंज़रने को होजाता तब रुकजाता और लंडपूरा बहार निकललेता. लंड शांतहोने पर फिरसे छूट मेंघुसा के धक्केमारना शुरू करदेता. ऐशहे सातबार चालू-बाँध, चालू-बाँध करके मेने ऐशहको छोड़ा. दरमियाँवो दो बारज़ारी. आख़िर में भीज़रा. लंड कोछूट की गहराईमें उंड़ेल करचार पाँच पिचकारीमार कर योनिको वीर्य सेच्चालका दी. सफाईकी परवाह किएबिना लंड कोनिकले बिना एकदूजे से लिपटकर हम सोगये. सुहाग रातअभी ख़त्म हुईनहीं थी. सुबहसात बजे मेीजब जगा तबऐशह गहेरी नींदमें थी. मेंने स्तन सेखेलना शुरू किया. उस की आँखखुली तब तकलंड टन गयाथा. “हो जायएक बार फिर?” उस ने पुचछा. “क्याहो जाए ?” ”धात्ट…मेरे सेसुनना चाहते हाइन?” ”ऐशहाही कुच्छ.” “अच्च्छा जी, होजाय चुदाई काएक और रौंद?” ”प्रेमसे हो जाय. लेकिन इस बारकुच्छ नया करेंगे. हाँ, ज़रते वक्तलंड टन केकैशहा दिखता हैवो तू नेदेखना है ?” ”वो कैषहे?” “मेंबताता हूँ. मेरावीर्य तेरे चाहेरेपर पड़े तोतुज़े कोई एतराजतो नहीं हैना ?” “नहीं. आप कावीर्य कहीं भीगिरे मूज़े पसंदही है “तो देख, तू लेट जा……” वो लेट गयी. में अपने घुटनोपर वजन लिएउस के सिनेपर बैठा. मेंने कड़क लंडको उस केसिने पर रक्खाओए उस केस्तनों को इकाट्तेकरने लो कहा. अपने दोनो हाथोंसे उसने स्तनके बीच लंडको पकड़ लिया. उस के स्तनकाफ़ी बड़े थेजिस से दोनोके बीच योनिजैशहा मार्ग बनगया. में नेकमर हिया केछोड़ना शुरू किया. में जब लंडको नीचे तरफखींचता था तबटोपी उतार करलंड के मत्थेको धक देतीथी. जब लंडको घुसेड़ता थातब टोपी उपरचाड जाती थीऔर लंड काखुला मट्ठा ऐशहके चाहेरे केपास जा पहॉंचताथा.
मूज़ेछूट छोड़ने जैशहीही मज़ा आतीथी. अपना सरउठाए नीलू लंडका आना जानादेख रही थीऔर स्तनों कोज़्यादा कम डबातेहुए मूज़े योनिमहसूस करवाती थी. में ने धक्केकी रफ़्तार बधाई. लंड ज़्यादा टनगया, मट्ठा अभीफट जाय ऐशहाहो गया. मेरेवास्ते ये कुच्छनया नहीं था. हर एक लड़केने हॅस्ट मैथुनके दौरान अपनेलंड को ऐशहेटन जाते हुएदेखा ही होताहै. ऐशह आश्चर्यसे देखती रहीऔर में ज़रा. उस के चाहेरेपर मेरे वीरकी बरसात हुई. उस के बदनमें भी ज़ूरज़ुरीहो गयी जिससे में जानगया की वोभी मेरे साथही ज़ारी थी. हम दोनो फिरसे सो गयेऔर दस बजेजागे. स्नान इत्यादिकर के नीचेगये. छाई-नाश्तालिए मुस्कुराती हुईसोमी हमारा इतेज़ारकर रही थी. “गुड मॉर्निंग ?” उस नेजाई से कीऐशह से पच्छा. ऐशह ने शरमाके जवाब दिया, “गुड मॉर्निंग, गुडमॉर्निंग….. टिल मॉर्निंग.” मेंकुच्छ समज़ा नहीं. सोमी ऐशह सेलिपट गयी औरदोनो खिलखियात हासपड़ी.
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