ऐश्वर्या, देख में ने सब कपड़े उतार दिए है. अब तू भी उतार दे..... Part-01

मेरानाम है राहिल. में 22 साल कामेडिकल स्टूडेंट हूँ. च्छेमहीने पहले मेरीशादी मेरे बाजुवालेअंकल (मेरी माताजीके छ्होटे भाई) की 18 साल कीलड़की ऐष्वार्या सेहुई है. शादीके वक्त ऐष्वार्याकच्ची कंवारी थीऔर बहुत हीशर्मीली थी. उसका शर्मिलपन कासामना कर केकैशे में नेऐश को पहलीबार छोड़ा इसकी ये कहानीहै, कहानी हमारीसुहाग रात की. बाजुवाले अंकल कीलड़की होने सेमें उसे बचपनसे जानता हूँ. कई बार मेंने मामी कोउस के नप्पीबदलते देखा था. उस वक्त ऐशहकी छ्होटी सीपीकी भी मेंने देखी थीलेकिन मेरे दिमाग़में सेक्स काख़याल तक आयानहीं था. भोसके बाएँ होतपर का कलातिल अभी भीमूज़े याद है. मूज़े क्या पताथा की एकदिन में हीइस पीकी कोछोड़ूँगा.

ऐशवार्या5’ 8” लंबी है. वेट110 ल्ब्ष. रंग गोरा. चाहेरा गोल, आँखेंभूरी और बड़ीबड़ी. पतली सीधीनासिका और पतलेहोत. बाल कालेहिप्स से नीचेतक के लंबे. हाथ पाँव चिकान्यऔर कोमल. बड़ेसंतरे की साइज़के दो स्तनसिने पे उपरकी ओर लगेहुए हैं. गोलगोल और चिकान्यस्तन की पतलीचमड़ी के नीचेखून की नीलीनीली नसें दिखाईदेती है. स्तनके सेंटर में1” की छोटी अरेवलाहै जो गुलाबीरंग की है. अरेवला के बीचछ्होटे किस्मीस के दानेजैशही घुंडी है. अरेवला और निपल्सबहुत सेन्सिटिव हैऔर छोड़ावते वक्तकड़े हो जातेंहै. वैशहे हीऐशह के स्तनकठिन है जोछोड़ने के समयज़्यादा कठोर होजातें है. केलके खंभे जैशहीसुडोल जाँघ केबीच ऐशह कीभोस उलटे खड़ेटीकों जैशही है. जब वो जांघेंमिला के पाँवलंबे रखती हैतब भोस कीदरार का छ्होटासा हिस्सा हीदिखाई देता है. जांघें चौड़ी कर केउपर उठाने सेभोस ठीक सेदेखी जा सकतीहै. मन्स घनीहै और कालेघ्ंघराले ज़ंट सेढाकी हुई है. बड़े होत भरपूरहै. मन्स औरबड़े होत छोड़तेवक्त होते हुएप्रहार ज़िलानए को काबिलहै. छ्होटे होतयूँ दिखाई नहींदेते, इतने पतलेऔर नाज़ुक हैऔर बड़े होतसे ढके हुएराहटें है. केवलछोड़ते वक्त फूलके वो बाहरनिकल आते है. ऐशह की क्लाइटॉरिस1” लुंबी और मोटीहै, छ्होटे सेपेनिस जैशही दिखतीहै. क्लाइटॉरिस काछ्होटा सा मट्ठाचर्री जैशहा दिखताहै. ऐशह कीक्लाइटॉरिस बहुत सेंसीटवेहै. कभी कभीऐशह मूड मेंना हो तोमें उस कीक्लाइटॉरिस को सहलाके गर्म करलेता हूँ. ऐशहकी छूट यानेयोनि छ्होटी औरचुस्त है. च्छेमहीने से हररात में उसेछोड़ता हूँ फिरभी वो कंवारीजैशही ही है. अभी भी लंडडालने में मूज़ेसावधानी रखनी पड़तीहै चाहे वोकितनी भी गीलीक्यूँ ना हो. एक बार लंडअंदर जाय उसके बाद कोईतकलीफ़ नहीं होती, में आराम सेधक्के लगा केछोड़ सकता हूँ.

हमारीमाँगनी तो दोसाल से हुईथी लेकिन एकया दूसरे कारणसे शादी मोकूफ़होती चली थी. में मेडिकल कॉलेजमें पढ़ता थाऔर हॉस्टिल मेंरहता था. वोअपने फॅमिली केसाथ रहती थीऔर आर्ट्स कॉलेजमें पढ़ती थी. हम दोनो अक्सरमिला करते थेलेकिन उस नेमेरे से वचनलिया था कीशादी से पहलेमेंवोकी बाततक नहीं करूँगा. “वोमायने छोड़ना. जबमौका मिले तबहम चूमा-छातीकरते थे. किसकरते वक्त वोशर्म से आँखेंमूंद लेती थी. कभी कभी वोमूज़े स्तन सहलानेदेती थी, कपड़ेके आर पारलेकिन मेरे हाथोंपर अपना हाथरख के पकड़रखती थी. उसने मूज़े भोसको च्छुने नहींदिया था, नातो उस नेमेरे लंड कोच्छुआ था. हरवक्त उस केजाने के बादमें कम सेकम तीन बारहॅस्ट-मैथुन करलेता था. आख़िरहमारी शादी होगयी और सुहागरात पहॉंची. ये कहानी हैउस रात कीजब हम नेपहली चुदाई की. वो तो कच्चीकंवारी थी. मेंने 19 साल कीउमर में सबसे पहले मेरीभाभी मंजुला औरछ्होटी बहन नेहाको एक साथछोड़ा था. हालाँकिमें ने कॉलेजमें और हॉस्पिटलमें दो तीननुर्सों के साथचुदाई की थीमगर मूज़े काफ़ीअनुभव नहीं था. ऐशह की शरमऔर योनि पटलमें ने कैषहेतोड़ा इस कीये कहानी है. लंड और छूटको ज़बान होतीतो अपने आपअपनी कहाननी सुनाते. लेकिन वो तोएक ही कामजानते हाइनछोड़ना. इसी लियाए आइएमें ही आपको सुनाता हूँकहानी उन दोनोके पहले मिलनकी. सुहाग रात पहॉंची.

मेंनर्वस था ? तोड़ासा. मूज़े पताथा की सोमी(हमारी सर्वेंट और ऐशहकी दोस्त जोचार साल सेशादी शुजा है) ने ऐशह कोसेक्स के बारेमें काफ़ी जानकारीदी थी, लेकिनप्रत्यक्ष अनुभव तो आजहोने वाला था. प्यारी ऐशह कोछोड़ने के लिएमें आतुर थालेकिन मान मेंकई सवाल उठातेथे जैशहे की, मेरा बदन उसेपसंद आएगा ? मेरालंड वो लेसकेगी ? उस कायोनि पटल कितनाकड़ा होगा, टूटनेपर उसे कितनादर्द हॉआगा ? आख़िरदेखा जाएगाऐशहा सोचकर में रातकी राह देखनेलगा. सोमी औरमंजुला भाभी नेमिल कर शयंकंडसजाया था. फूल, फूल और फूल. चारो ओर फूलही फूल. पलंगपर केवल गुलाबकी पत्तियाँ. बगलमें टेबल परपानी, दूध, मिठाई, कॉंडम के च्छेपॅकेट्स और लूब्रिकॅंटकी ट्यूब. बातरूम में हमारेनाइट ड्रेस, गरमपानी, टवल्ज़ औरकुच्छ दवाइयाँ. स्नानकर के मेंपहला जा करपलंग पर बैठा. मेरे पास छोड़नेके आसनो कीएक अच्च्ची किताबथी जो मेंदेखता था कीमें ने सोमीकी आवाज़ सुनी. ज़त से मेंने किताब च्छूपादी और बैठगया. सोमी ऐशहको लिए अंदरआई और कहनेआगी, ”जीजू, हमारेऐष्बाहन बहुत शर्मीलेहाइन और उन्होंने एक बारभी लंड लियानहीं है. तोज़रा संभाल केछोड़िएगा.”

इतनी फ़िक्रहो तो तूही यहाँ रुकजा और हमेंबताती रहेना कीकी करना, कैषहेकरना”“ना बाबा, ना. आप जानेऔर वो जाने. आप दोनो कोछोड़ते देख करमूज़े दिल होजाय तो मेंक्या करूँ?” इतनाकहे खिलखिलत हासकर वो भागगयी. में नेउठ कर दरवाजाबंद किया. मेंघुमा तो ऐशहअचानक मेरे पावपड़ी. में नेउसे कंधों सेपकड़ कर उठायाऔर कहा, “अरेपगली, ऐशहे पावपड़ने की ज़रूरतनहीं है. तूतो मेरे हृदयकी रानी हो, तेरा स्थान मेरेहृदय में है, पाव में नहीं.” सुन कर वोमूज़ से लिपटगयी. हलका साआलिंगन दे केमें ने कहा, “ऐशहे करतें हैं. ये सब कपड़ेऔर शृंगार उतारके नाइट ड्रेसपहें लेटें हैंजिस से हमेंजो करना हैवो आराम सेकर सकें.” मेरामतलब छोड़ने सेथा ये वोसमाज गयी औरतुरंत शरमा गयी. बाथरूण में जेयाकर मेने पहलेकपड़े बदले, बादमें वो गयी. जब वो बाहरनिकली तब मेंपलंग पर बैठाथा. मेरे पासबुलाने पर वोमेरे नज़दीक आई. में ने उनकीकमर पकड़ करपास खींची औरमेरी चौड़ी कीहुई जाँघ केबीच खड़ी करदी. उसके हाथपकड़ कर मेंने कहा, “अरेवाह, अक्च्ची डिज़ाइनबनाई है महेंडीकी. हम हरसाल शादी कीसाल गिराह परमहेंडी रचाने का प्रोग्रामकरेंगे. और हन, अकेले हाथ परहै या औरकोई जगा पर?”

पाव परभी है.” उसने कहा. उस केसिवा ?” में नेपुचछा तो वोखूब शरमाई औरटेढ़ा देखने लगी. बात ये थीकी सोमी नेमूज़े बताया थाकी ऐशह केस्तन पर भीमहेंडी रचाई है. में ने उसकी हथेली परचुंबन किया औरहाथ मेरे गलेसे लिपटाए. कमरसे खींच करआलिंगन दिया तोमेरा सर उसकेस्तन के साथडब गया. उसने मेरे बलोंमें उंगलियाँ फिरानीशुरू कर दी. कुच्छ देर केबाद उस काच्चेरा पकड़ करमुँह पर चुंबनकरने का प्रयत्नकिया लेकिन उसने करने नहींदिया. उस कोज़रा हटा करमें ने जाँघसिकुड़ी और उसको उपर बिताया. मेरा दाहिना हाथउस की कमरपकड़े हुआ थाजब की बयाहाथ जाँघ सहलारहा था. कोमलकोमल और चिकनीऐशह को आशलेषमें लेना मूज़ेबहुत अच्च्छा लगताथा. उस केबदन की सुवासमूज़े एग्ज़ाइट कररही थी औरमेरा लंड हिलनेलगा था. धीरेधीरे मेरा हाथउसकी पीठ पररेंगने लगा. ड्रेसके नीचे ब्राकी पट्टी कोपा कर मेंने पुचछा, “अरे, तू ने तोब्रा पहें रक्खीहै. निकाल नहींसकी क्या ? लाओ, में निकाल दूं?” मेरी उंगलियाँ ब्रा काहुक तक पहॉंछेइस से पहेलेउस ने सरहिला के नाकही और खड़ीहो गयी. मेंने भी खड़ाहो कर उसको मेरे बाहूपाश में जाकड़लिया. लेकिन अफ़सोस, उसने अपने हाथच्चती के आयेजक्रॉस कर रकखेथे इसी लिएउस के स्तनमूज़े च्छू नासके. थोड़ी परउंगली रख करमें ने उसकाचाहेरा उठाया और होतसे होत कास्पर्श किया. उस केबदन में ज़ूरज़ुरीफैल गयी. आँखेंबंद रखते हुएउस ने मूज़ेफिर से चुंबनकर ने दिया. में ने कहा, “ऐशह, प्यारी, आँखेंखोल मेरा चाहेरादेखना तुज़े पसंदनही है क्या?”

धीरेसे वो बोली, “पसंद है, बहुतपसंद हैउस नेआँकें खोली. मेरीआँख से आँखमिलते ही वोफिर से शरमागयी और दाँतसे अपने होतकाटने लगी. मेंने ज़त सेमुँह से मुँहचिपका के चुंबनकिया. इस बारउस के होतमेरे मुँह मेले कर मेंने चूसे अभी तकऐशह ने मुँहखोला नहीं था. में ने कहा, “ऐशह, मुँह खोलतोड़ा साऔर फिरसे किस करनेलगा. जब उसनेअपने होत खोलेनहीं तब मेंने मेरी जीभउस के होतपर फिराई औरकड़क बना करहोत बीच डाली. मूज़े ऐशहा महसूसहोने लगा कीमें उस कीपीकी के होतखोल कर अपनालंड अंदर दलरहा हूँ. उदाहरमेरा लंड भीटन गया था. मेरी जीभ अपनेहोत पर पातेही ऐशह नेमुँह खोला . मेरीज़बान उसके मुँहमें पैथी औरचारो ओर घूमफिरी. मूज़े भूतस्वीट लगा येचुंबन. उस केमुँह की सुवास, अंदर की कोमलत्वचा, उस केदाँत, होत सूबपर में नेअपनी जीभ फिराई. फ्रेंच किस करतेकरते में नेउसे पलंग परलेता दिया. मेरेहाथ उस केस्तन पर जानेलगे. उस नेअभी भी अपनीच्चती ढँक रक्खीथी. में नेउस के हाथहटाने का प्रयासकिया लेकिन सफलनहीं हुवा. मेंने जाबर दस्तीनहीं करनी थीइसी लिए मेंने फिर सेफ्रेंच किस शुरूकी. अब मेंउस के मुँहपर से हटकर गाल पर, गाल से गलेपर, गले सेउस के कानपर ऐशहे अलगअलग स्थान परकिस करने लगा. जब मेरे होतोने कान कोच्छुए तब उसको गुदगुदी होनेलगी और वोहास पड़ी. अबमूज़े रास्ता मिलगया. मेरा एकहाथ जो कमरपे था उससे में नेउस की कमरकुरेदी. ज़्यादा गुदगुदी होनेसे वो च्चतपता गयी औरच्चती से उसके हाथ हटगये. तुरंत मेंने उस कास्तन थाम लिया. मेरा हाथ हटानेका उस नेहलका सा प्रयत्नकिया लेकिन मेंस्तन को सहलौनये उस कोभी पसंद थाइसी लिए ज़्यादाज़ोर नहीं किया. भरे भरे, कठिनऔर गोल गोलस्तन में नेनिघट्य के आरपारसहलाए लेकिन माननहीं भरा. खुलेहुए स्तन केसाथ खेलने कोमें तरस रहाथा.

मेंने कहा, “कितनेसुंदर है तेरेस्तन ! कड़े कड़ेऔर गोल. मेरीहथेली में समातेभी नहीं है. अभी अभी बड़ेहो गये लगतेंहैं. लेकिन येक्या ? स्तन परतो घुंडी होनीचाहिए वो कहाँहै ? में देखूंतो.” ऐशहा बोलकर में नेनिघट्य के हुक्सखोलना शुरू किए. उस ने शरमसे मेरे हाथपकड़ लिए. मेंने तोड़ा साज़ोर लगाया तोउस ने भीज़ोर से हाथपकड़ रकखे. उँचेस्तन रूपी परबतबीच के मैदानमें हमारे हाथोंकी लड़ाई होगयी. उस कीमर्ज़ी बिना कुच्छनहीं करने कामेरा निश्चय थाइसी लिए मेंने आग्रह छ्चोड़ाऔर हार काबुलकर ली. उधरमेरा लंड तुमकतुमक करने लगाथा. किस करतेहुए और एकहाथ से उसकापेट सहलाते हुएमें ने कहा, “प्यारी, कब तकच्छूपे रखोगी अपने स्तन? मूज़े देखने तो दे. तेरी मंज़ूरी बिनामें स्पर्श नहींकरूँगा.” वो ज़रानर्म हुई. शरमातेशरमाते वो टेढ़ादेखने कागी औरच्चती से हाथहटके अपनी आँखोपर रख दिए. में ने निघट्यके हुक्स खोलेलेकिन जब निघट्यके फ्लॅप हटानेलगा तब फिरसे उस नेमेरे हाथ पकड़लिए. तोड़ा ज़ोरकरके में नेनिघट्य खोली औरब्रा में क़ैदस्तन खुले किए. गोरे गोरे स्तनका जो हिस्साखुला हुवा उसपर में नेकिस करनी शुरूकर दी. चुंबनकी बौच्हार सेवो एग्ज़ाइट होने लगी थी. उस का चाहेरालाल हो गयाथा और साँसेतेज़ी से चलानेलगी थी. फिरभी वो पीठके बाल सोईहुई होने सेमें उस कीब्रा निकाल नहींसका क्यूँ कीब्रा का हुकपीठ पर था. वो करवट बदलेएसा मूज़े कुच्छकरना था.

मुँहपर किस करतेहुए में नेनिघट्य ज़्यादा खोली औरउस के सपाटपेट पर हाथरेंगने लगा. उसको गुदगुदी होनेलगी. में नेज़्यादा कुरेदी तो वोगुदगुदी से च्चतपाटने लगी औरथोड़ी घूमी . मेंएन उसे आगोशमें लिया औरमेरी उंगलियाँ ब्राके हुक परपहॉंच गयी. आलिंगनसे इस वक्तउस के स्तनमेरे सिने सेचिपका गये औरडब गये. मेरेहाथ ुआस्की पीठपर घूमने लगे. उसके बदन पररों खड़ेहो गये. मेरीउंगलिओ ने ब्राका हुक खोलदिया. अब वोमूज़े ज़्यादा सहकारदेने लगी. अपनेआप वो पीठके बाल होगयी. खुली हुईब्रा में हाथडाल कर जबमें ने उसके नंगे स्तनको पकड़ा तोउस ने विरोधनहीं किया. वोशरमाती रही औरमें स्तन सहलातारहा. छ्होटी छ्होटीनिपल्स कड़ी होनेलगी थी जिसेमें ने छिपातीमें ले करमसाला. एक दोबार मेरे सेज़रा ज़ोर सेस्तन दबाया गया. वो चीख उठीऔर मेरे हाथपे अपन हाथरख दिए लेकिनमेरे हाथ हटाएनहीं. काई दिनोंके बाद उसने मूज़े बतायाथा की मेरास्तन का सहलानाउसे बहुत प्यारालगता था. दोनोस्तनों पर महेंडीलगी हुई थी. मोर की डिज़ाइनमें घुंडीओ कोमोर की चौंछबनाई थी. गोरेगोरे स्तन परलाल रंग कीडिज़ाइन देख करमें खुद कोरोक ना सका. दोनो स्तन कोमुट्ठी में लेकर दबोच लिएऔर किस कीबरसात बरसा दी. मुँह खोल करअरेवला के साथघुंडी को मुँहमें लिया, चूसाऔर दाँत सेकाटा. ऐशह केमुँह से सीसी होने लगी. उस ने मेरासर अपने स्तनपर दबाया. मेरेलंड में सेनिकलता कम रससे मेरी निक्केरगीली होती चली.

मेंबैठ गया औरउस के पैरपर हाथ फिरानेलगा. घुटनो सेले कर जैशहेजैशहे मेरा हाथउपर तरफ सरकने लगा वैशहेवैशहे उसकी निघट्यउपर खिसकती गयीऔर उस कीचिकनी जांघें खुलीहोती चली. उसने जाँघ चिपकाएहुए रक्खी थी, में ने चौड़ीकरने का प्रयासकिया लेकिन असफलरहा. आहिस्ता आहिस्तामेरे हाथ उसकी पेंटी परपहुँचे. पेंटी टाइट थीऔर काम रससे गीली हुईथी. पतले कपड़ेकी पेंटी उसकी भोस केसाथ चिपक गयीथी. में नेभोस के होतऔर बीच कीदरार को उंगलिओसे टटोला. ऐशहके भारी हिप्सअब हिल नेलगे. में भोससहलाता रहा, मुँहपर किस करतारहा और वोशरम से आँखेंबंद कर केमुस्कराती रही. अबमें ने पेंटीउतरने को ट्राइकिया. जेसे मेरीउंगलियाँ पेंटी की कमरपट्टी पर पहुँचीउस ने मेराहाथ पकड़ लिया. फिर एक बारहमारे हाथों बीचजंग हो गईउस के सपाटपेट के मैदानपर. में फिरहारा. हाथ हटाके पेट सहलानेलगा और स्तनकी निपल्स चूसनेलगा. इतने प्रेमोपचारके बाद उसके स्तन काफ़ीसेन्सिटिव हो गयेथे. जेसे मेरीजीभ ने निपलका स्पर्श कियाकी वो छतपता गयी औरअचानक शिथिल होगयी. उस केहाथ पाव नर्मपद गये. मेंपेंटी उतार नेलगा तो कोईविरोध नहीं किया, अपने चूतड़ उठाके पेंटी उतारने में सहकारदिया. मूज़े जाँघचौड़ी करने दी. हारा हुआ सैनिककी तरह मानोउसने शरणागती स्वीकारली. फ़र्क इतनाथा की वोआनंद ले रहीथी और मंदमंद मुस्करती रहीथी

मेंने खड़ा होकर अपने कपड़ेउतारे वो मेराबदन देखती रही, ख़ास कर केमेरे तातार औरज़ुलते हुए लंडको. में नेकहा, “ऐशह, देखमें ने सबकपड़े उतार दिएहै. अब तूभी उतार दे.” कुच्छ बोले बिनामूज़ से मुँहफिराए वो बैठगयी. निघट्य ुआत्तरके वो मेरीतरह नंगी होगयी और मेरीओर पीठ करके लेट गयी. में उस केपिच्चे लेता औरउसे आलिंगन मेंले कर स्तनसहलाने लगा. मेरालंड फटा जारहा था. ऐशहको भी छुड़वाने की इच्च्छाहो गयी थीक्यूँ की अपनेआप घूम करवो मेरे सांमुखहुई और मूज़से लिपट गयी. नंगे बदन कानंगे बदन सेमिलने से हमदोनो की एग्ज़ाइट्मेंटकाफ़ी बढ़ गयी. वो मेरे बाएकंधे पर अपनासर रकखे हुएथी. दाहिना हाथसे में नेउस का बयाघुटन उठाया औरपाव मेरी कमरपे लिपटाया. मेराहाथ अब उसके चूतड़ पररेंगने लगा औरआहिस्ता आहिस्ता मेरी उंगलियाँउस की पीकीकी ओर जानेआगी. मेरा तानाहुवा लंड उसके पेट सेसता था. लंडमें से निकलतेकाम रस सेउस का पेटऔर मन्स गीलेहोते चले थे. मुँह से मुँहलगा के फ्रेंचकिस तो चालूही थी. मूज़ेछोड़दने का इतनादिल हो गयाथा की मेंचुंबन, स्तन मर्दन, भोस मतन सबएक साथ करनेलगा था.


थोड़ीदेर बाद मेंअलग हुआ. मेंने कहा, “ऐशह, देख तो सही, तेरा कितना असरपद रहा हैमेरे लंड पर.” दाँतों में नाख़ूनचबाते हुए वोमुस्कराहट के साथदेखती रही. मेंने उस लाहाथ पकड़ करलंड पर रखदिया. थोड़ी सीहिचकिचाहट के बादउस ने उंगलिओसे लंड कोच्छुआ. लंड नेज़तका मारा. मेंने उसे ठीकसे लॅंड मुट्ठीमें पकड़ाया. मेंस्तन से खेलतारहा और वोलंड से. लड़कीके हाथ मेंलंड पकड़ावा नेका मेरा पहलाअंभव था जबकी किसी मर्दका लंड पकड़ने का उसके लिए पहलाअनुभव था. उसकी कोमल उंगलिओका स्पारह मूज़ेइतना उत्ट्तेजक लगाकी उस कीजांघें चौड़ी कर के, छूट में लंडघसाद के उसको छोड़ डालनेकी तीव्र इच्च्छाहो गयी मूज़े. बड़ी मुश्किल सेमें ने अपनेआप पर काबूपाया क्यूँ कीमूज़े ऐशह कोकाफ़ी गर्म करनाथा जिस सेलंड का पहलाप्रवेश कम कष्टडाई हो. लेकिनसबूरी की भीकोई हड्द होतीहै. जब मूज़ेलगा की ज़्यादादेर करूँगा तोउस के हाथमें ही मेंज़द जवँगा तबमें ने उसेपीठ के बाललेटाया. उस कीजांघें चौड़ी कर केमें बीच में गया. ऐशहकी भोस औरछूट पिच्चे कीओर होने सेएक तकिया उसके चूतड़ केनीचे रखना पड़ा. अब उस कीछूट मेरे लंडके लावेल मेंआई. लंड लेनेकीघड़ी पहॉंचीथी. मगर ताजूबिकी बात येथी की ऐशहका दर औरशर्म दोनो कहींगायब हो गयेथे. उस नेखुद ही अपनेघुटनों को कंधेतक उपर उठाए. जाँघ चौड़ी करके मुसाक़ाती हुईवो मेरे लंडको देखती हीरही. (To be continued in Part-02) 

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