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विधवा बुआ की नाजायज़ मोहब्बत

हाईदोस्तो मेरा नाम(प्रेम) मेरी उमर23 साल का जवानऔर सेक्स काशॉकिन लड़का हूँ. यह कहाहनी मेरीबुआ ( उषा) नामेचेंज्ड की हैजो की एक35 – 36 साल की एकहॉट वुमन है, उसकी हाइट करीब4 फिट 8 या 9 इंचकी होगी. उसकेबूब्स काफ़ी बड़ेबड़े और गंदउठी हुई सालीइतनी सेक्सी कीमुर्दे का भीलॅंड खड़ा होजाए.उसके तोलड़के थे वरुण(13) और तरुण(11) .मेरीबुआ का पतिकाफ़ी हटते काटतेइंसान थे परआक्सिडेंट मे उनकीडेत 4 साल पहलेहो गई थी. पहले तो मैंअपनी बुआ केबारे मे कोईगंदी सोच नहीरखता था परक्या कारों जवानीहै कंट्रोल नहीहोती. मेरे सामनेएक जवान औरतहोगी तो मैंयह सुनहरा मौकाकैसे जाने देता. अब मैं स्टोरीशुरू करता हूँ.यह कहानीअज्ज से 3 सालपहली की है. मेरी बुआ छोटेसे ही मुझेबहुत प्यार करतीथी . मैं उसके साथ काफ़ीकुश होता था. फूफा की डेतके बाद मेरीबुआ के ससुरालवालों ने उसेतंग करना शुरूकर दिया क्योंकिवो मेरी बुआको अपनी प्रॉपर्टीका हिस्सा नहीदेना चाहते थे.

फिरबुआ ने उनसेअलग हमारे गावन्के घर परमेरे दादा दादीके साथ रहनाशुरू कर दिया. ससुराल वालों ने बचोंको अपने पासही रख लिया. बुआ अपना गुज़ाराचलाने के लिएएक स्कूल मेछोटे बचों कोपढ़ने लगी. हमगावन् कभी कभीही जाते . औरबार जब हमजब गावन् गयेतो मेरी फॅमिलीमेरे नाना जीके घर परठहर गई औरमैं बुआ कोमिलने के बहानेएक दिन बुआके पास गया. वो मुझे देखके बहुत कुशहुई और उसनेमुझे अपने सिनेसे लगा लियामेरा तो दिमाग़पहले से हीगरम था. परउस टाइम मैनेकुछ नही किया. इस तरह बातोंही बातों में2 – 3 दिन बीट गये. एक दिन मैंऔर बुआ कमरेपर अकेले थेक्योंकि मेरे दादाऔर दादी अपनेअलग रूम मेसोते थे . मुझेतो रात कीही इंतेजर रहताथा. उस रात, मेरी बुआ मेरेसाथ बिस्तर परसो रही थी. मैं जान बुझकर सोते टाइमबुआ से नज़दीकसो गया .धीरेधीरे मैं उसकेपास सोते हीबढ़ने लगा औरफिर मैने सोनेका नाटक करके अपना हाथबुआ के उप्पररख दिया .बुआको कुछ पतानही लगा वोउस टाइम सोरही थी.मुझेउसे चुने मेंबहुत मज़ा आयाऔर मैं इसमज़े का औरबढ़ाना चाहता था. मैंअपना हाथ जानबूझकरइधर उधर उसकेशरीर पर रखता.

अचानकमेरा हाट उसकेजँहों पर रखहो गया . उसकेबड़े बड़े जांघोंऔर चूतदों परमेरा हाट पड़तेही मेरा लंडखड़ा हो गया. वो मेरी तरफअपना मुँह करके सोई थीऔर मैने अपनालेफ्ट हॅंड कोउसके जांघों पररखा था . मैनेपहले कभी किसीऔरत को इसतरह से टचनही किया था.मुझे बहुत मज़ा राहा था. मैं जानकार अपनीफिंगर्स को बुआके गंद केहोल पर लिजनेकी कोशिश कररहा था ताकिमैं उसकी गंदकी होल कितनीबड़ी है पतालगा सकूँ. परमुझे दार भीबहुत लग राथा की बुआकहीं जाग नाजाए . पर फिरभी मैने हिममरकर के अपनीउंगली को सरकतेहुए बुआ केछेड़ (होल) पररख दिया. ओहमी गोद. मेरेतो होश उडदगये बुआ कीगंद का छेड़(होल) बहुत बड्डाथा. फिर शायदबुआ को कुछएहसास हुआ औरउसने नींद मेही मेरा हाटझततक्े से हटादिया. मैं दारगया. और फिरमैने उस रातकुछ नई किया.

अगलेदिन सुबह मैंउत्ता और साबकुछ वैसा हीनॉर्मल हुआ. बुआने किसी बातका जीकर नहीक्या. उसने सोचाहोगा की मेराहाट उसके गांदपर नींद मेरख गया था. इस तरह मैंहर रात बुआके कभी कमरकभी गंद औरकभी चुचे परापनाहाथ रखने लगा.मेरा कॉन्फिडेन्स बढ़नेलगा. मैं अपनीबुआ को छोड़नेका कोई फुलप्रूफ प्लान बनानेलगा.मुझे पताथा की बुआको पैसों कीकमी है. औरमैं ईस्ये अपनाहथियार बनाना चाहता था. मुझे बुआ कीइसी कमज़ोरी काफयडा उत्थना था. मैं कई बारअपने पैसे पर्सके बाहर हीनिकार के रखदेता. जब बुआकी नज़र उनपर पड़ती तोवो मुझ सेकहती की हैइतने सारे पैसे. हम तो ग़रीबहैं हमारी किस्मततो लक्ष्मी हैही नही. मैनेऐसा 3 -4 बार कियाताकि बुआ कोपता लग जाएकी मैं उसकेपैसों की इसप्राब्लम को सॉल्वकर सकता हूँ. मैं बुआ केघर कई बारअपने पैसों सेही खाने पीनेका समान लताऔर उसे खिलता. बुआ बहुत कुशहोती. इस तरहपैसों को देखकर बुआ मेरेसे बहुत घुलमिल गई.

एकरात सोते टाइममैं वैसे हीजानकार अपना हाथबुआ के मुममे(बूब्स) पर रखदिया और सोनेका नाटक करनेलगा . जब मैनेदेखा के बुआसो रही हैतो मैने उनके बूब्स कोतोड़ा तोड़ा सहलानेलगा.मुझे दारलाग्ग रहा थापर मैं उसवक्त बहुत जोशमे गयाथा और हिममरकर के उसकेबूब्स दबाने लगाकरीब 10 मिनिट तक मैनेधीरे धीरे उसकेबूब्स सहलाए. अबमैं पागल होरहा था. मैनेअचानक उस केबूब्स थोड़ी ज़ोरसे दबाने लगा. बुआ शायद अबमहस्सूस कर रहीथी की मेराहाट उसके बूब्स(चुचि) पर है. मैने आव देखाना ताव मैनेसोते सोते अपनामुँह उसके बूब्सपर रख दियाऔर सोने कानाटक करने लगा. बुआ अब शायदनींद से जागनेवाली थी. जैसेही मैने देखाकी बुआ मेरेमुँह को डोरकर रही हैतो मैने उत्त्गया और ज़ोरसे बुआ केचुचियों मे अपनासिर रगड़ने लगा. बुआ के तोहोश उड़ गयेकी प्रेम कोक्या हो गया. उस ने मुझेदाँत के कहाप्रेम क्या कररहे हो , थप्पड़मारूँगी. मैने कहा: बुआमुझे कुछ नहीपता मैं नईआज तुझे छोड़ूँगा. चाहे तो हल्लाकर या नाकर.

मैनेकहा देख बुआतूँ मुझे बहुतअची और सेक्सीलगती है. मैंहर वक्त तेरेबारे मे मूठमरता था.प्लेआसएतूँ आज मेरीविश पूरी करदे. वैसे भीइस वक्त हमदोनो ही इसकमरे में हैं, दादा दादी सोरहे है. औरमैं तुझे पैसेभी दे दियाकरूँगा. मैं तेरापैसों का इंतेजाँकर दूँगा. नातूँ किसी कोकहना ना मैं. आज कल्ल सब्बचलता है.फूफाजी तो हैंनही तूँ मेरेसाथ बड़ी आरामसे सेक्स करके अपनी जिंदगीकाट सकती है. यह क़हह करमैने बुआ कोज़ोर से जक्कड़लिया.बुआ कोयह सोडा फ़ायडे(प्रॉफिट ) का लगा. उस ने फिरभी थोड़ी नानुकर की परलास्ट में मैनेबुआ का नंगाकर ही दिया. अब बुआ नंगीथी और घरमे कोई नहीथा . दादा दादीको शक नाहो मैने रूमके लाइट भीबंद कर दी. मैं पूरी तरहसे तो नहीदेख पा रहाथा पर काफ़ीथा. मैने बुआकी सलवार निकारदी थी. मैनेबुआ को तोड़ासा उप्पर कियाऔर मैं नीचेउसके बुवर मेचाटने लगा. बुआसेक्स से पागलहो रही थी. उसने मेरा हेडज़ोर से अपनेबुवर पर दबाकर रखा था. करीब 10 मीं तकमैं यही करतारहा.


अबबुआ के अंदरका सेक्स जागचुका था. मैंयह महसोस्स करसकता था. वोमुझे से बूरीतरह से चूड़नाचाहती थी. मैनेएक एक करके उसके सारेकपड़े उत्तर दिए. उसने मुझे ज़ोरसे पकड़ लियाऔर लिपट गई. और कहने लगी:” वाह प्रेम आजतुम्हे तुम्हारी इस हिम्मतका इनाम मेलेगा. उस ने मुझेसाइड किया औरजुख कर मेरालॅंड अपने मुँहमे लेकर चूसनेलगी. मैने कहाबुआ तुम भीचुस्ती हो मैनेतो सोचा थाकी तुम तोशरीफ हो. बुआने कहा: “शरीफतो सब्ब होतेहैं , तेरी माभी शरीफ हैपर तूँ कैसेपैदा हुआ बहँचोड़. यह सुनकर मैं औरपागल हो गया. मैने बुआ कोउसी बीच अपनेहाथों से उत्तालिया और बेडपर फेक दिया. मैने उसे कुट्टियाका आंगल बनानेको कहा औरवो कुट्टिया केस्टाइल मे सोगई. मैने अपना7 इंच का लॅंडउसके बुवर मेपाले दिया. वोदर्द से चिल्लाउत्ति. “आअहह अहााहअहाआहाआ'” . मैने काफ़ीसमय तक ज़ोरज़ोर के झटकोंसे उसके बुवरमे लॅंड पेलतारहा फिर मैंचट्नी लगा औरउसके गंद परही अपना साराकम गिरा दिया. उसके बाद बुआने कहा कीचल अब तोयह काम हमने सारी जिंदगीकरना है. कल्लकरेंगे सो जा. फिर हम सोगये. और ताब्बसे मैं बुआको कई बारछोड़ चुका हूँमैं ही उसकी नाजायज़ मोहब्बतहूँ

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