हीफ्रेंड्स, ई आमअंकित फ्रॉम सूरतमे ज़्यादा हिन्दीमे ही बातकरूँगा क्यो कीज़्यादा तार हनदीीमे जो समाजआ सकता हैवू मज़ा एंगलिसमे नही आताहै और एकबात और कहडू की मेजो बता नेजा रहा हूवो मेरे निजीजीवन का एकसुंदर एहसासस है, तोड़ा मे अपनेबारे मे कहडू तो मेतोड़ा...
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